- दोनों कर्मचारी का ताल्लुक झारखंड में टाटा स्टील की नोआमुंडी आयरन माइन से है ~
- कंपनी की विविधता और समावेशन की यात्रा में यह एक और मील का पत्थर है~
नई दिल्ली : टाटा स्टील को यह घोषणा करते हुए बेहद गर्व हो रहा है कि उसकी दो महिला कर्मचारियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्रम और रोजगार मंत्रालय के तत्वावधान में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा सम्मानित किया गया है। अरुणा नारायण संकटला और बिपाशा विश्वास, जो झारखंड में टाटा स्टील की नोआमुंडी आयरन माइन में कार्यरत हैं, को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में EPFO द्वारा यह सम्मान दिया गया है। भूपेंद्र यादव, माननीय श्रम रोजगार, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार ने टाटा स्टील की महिला कर्मचारियों को सम्मानित किया।
यह उपलब्धि टाटा स्टील के ताज में एक और नगीना है, जहां विविधता और समावेशन एक आदर्श है, और सभी कर्मचारियों को निष्पक्ष और समान अवसर प्रदान किए जाते हैं। टाटा स्टील का ओर, माइंस और क्वैरीज़ (क्यूएमक्यू) डिवीजन भारत का पहला खनन डिवीजन है, जहां 1 सितंबर, 2019 से सभी तीन शिफ्टों में महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया था। इस पहल में अधिकारी, कर्मचारी और अनुबंध जैसी हर श्रेणी की महिला कर्मचारी कर्मी शामिल थीं।
वीमेन@माइंस पहल को आगे बढ़ाते हुए, नोआमुंडी आयरन माइन ने 1 फरवरी, 2021 को 23 महिला हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटरों के पहले बैच को शामिल किया और उन सभी को खदानों में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया गया और अब वे माइंस में काम कर रहीं हैं। इसके बाद वेस्ट बोकारो में 4 अगस्त, 2021 को 17 महिला एचईएमएम ऑपरेटरों को नियुक्त किया गया था और ये महिलाएं एक साल की अवधि के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं, जिसके बाद वे काम करना शुरू कर देंगी। कुल मिलाकर, टाटा स्टील ने खदानों में एचईएमएम ऑपरेटरों के रूप में 40 महिलाओं को शामिल किया है।
डीबी सुंदरा रमम, वाइस प्रेसिडेंट, रॉ मटेरियल, टाटा स्टील ने कहा, “टाटा स्टील ने हमेशा से समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को करियर के अवसर प्रदान किए हैं, और यह सम्मान इस यात्रा में एक और मील का पत्थर है। टाटा स्टील एक समान अवसर नियोक्ता है जहां विविधता और समावेशन कोई विकल्प नहीं है, बल्कि जीवन का एक हिस्सा है। हमारा विजन टाटा स्टील को एक विश्व स्तरीय नियोक्ता बनाना है जहां हर किसी का सम्मान किया जाता है और हर किसी की आवाज सुनी जाती है। संगठन सभी विविध समूहों के लिए एक सक्षम कार्यस्थल बनाने के लिए निरंतर प्रयास करता है, और हर व्यक्ति के मतभेदों को अपनाता है। ”
भविष्य में, टाटा स्टील ने अपने इको-सिस्टम में और अधिक महिलाओं को अपने कार्यालयों और कारखानों में समान रूप से नियुक्त करने की योजना बनाई है। जैसे जैसे प्रमुख इस्पात कंपनी धीरे-धीरे एक हाइब्रिड कार्य वातावरण मॉडल की ओर बढ़ रही है, आगे चलकर कपनी को ज्यादा संख्या में विविध कार्यसमूहों को नियोजित करना और एक समावेशी संस्कृति को बढ़ावा देने तथा अपनेपन की भावना पैदा करने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को नया स्वरूप देना होगा। 2025 तक 25% विविध कार्यबल बनाने जैसे दीर्घकालिक लक्ष्य एक सक्षम वातावरण सुनिश्चित करने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं जो संवेदनशील और समावेशी दोनों है।